बुधवार, 20 जनवरी 2010

शान-ए-हिंद ए आर रहमान

पहले स्लम डॉग और अब 'कपल्स रिट्रीट' हलाकि ये पूरी तरह हॉलीवुड फिल्म है। लेकिन इस फिल्म के एक गाने ‘ना ना’ के लिए एक बार फिर से ए आर रहमन के गाने को ऑस्कर एवॉर्ड के लिए 6२ दूसरे चुने हुए गाने में शामिल किया गया है। इससे पहले पिछले साल फिल्म स्लम डॉग मिलिनियर के लिए ए आर रहमान को ऑस्कर एवॉर्ड मिल चुका है। रहमान अपनी दोहरी क़ामयाबी से काफी खुश हैं। हालाकि इस गाने को अभी 6२ गानों से मुकाबला करना बाक़ी है। इस गाने को 'बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग' की श्रेणी में रखा गया है। एवॉर्ड का ऐलान 2 फरवरी को किया जाएगा। रहमान अपने गाने को ऑस्कर में चुने जाने पर हैरान भी हैं...उन्होंने इम मसले पर कहा.. “ मुझे नहीं मालूम इस गाने को नामांकन मिलेगा या नहीं क्योंकि हमने इस गाने का कोई प्रचार तो किया नहीं है।” एक अलग सोच औऱ बेजोड़ हुनर रखने वाले रहमान को हमेशा ही अलग करने की चाहत ने एक बार फिर ऑस्कर की दहलीज़ पर ला खड़ा किया है। ये फिल्म भले ही हॉलीवुड की है लेकिन इसमे कारनामा तो भारतीय म्यूज़िक शहंशाह ए आऱ रहमान ने ही किया है। कहीं ना कहीं भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर ऊंचा करने का मौक़ा तो दिया है। जिसपर की हम सभी भारतीयों को भी गर्व है। ऐसे में ए आर रहमान के लिए एक ही शेर मेरे ज़हन में आता है जो बहुत पहले अल्लमा इक़बाल ने लिखा था कि...
''हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती रही,
बड़ी मुश्किल से होता है दीदार ए.आर रहमान दयारे चमन में''